रविवार, 13 दिसंबर 2020
बिना दवा बिना दर्द व बिना किसी साईडईफैक्ट के सभी रोगों का ईलाज न्यूरोथैरेपी
बिना दवा बिना दर्द व बिना किसी साईडईफैक्ट के सभी रोगों का ईलाज न्यूरोथैरेपी एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जिसका निर्माण भारत में हुआ है। न्यूरोथैरेपी में किसी भी दवा किसी भी औजार व किसी मशीन का प्रयोग नहीं होता है। न्यूरोथैरेपी में हाथों से या पैरों से शरीर के विभिन्न अंगो पर अलग-अलग तरह से प्रेशर दिया जाता है जिससे शरीर के अंदर स्थित विभिन्न ग्रन्थियों को रक्त संचार द्वारा उकसाया जाता है जिससे जो ग्रन्थियां काम नहीं कर रही होती या कम काम कर रही होती है वह धीरे -धीरे ठीक से काम करना शुरू कर देती है और उस ग्रन्थि के कम काम करने की वजह से शरीर में आया हुआ रोग धीरे-धीरे ठीक होने लगता है। पुरे भारत में लाखों लोग न्यूरोथैरेपी उपचार द्वारा रोग मुक्त हो चुके हैं न्यूरोथैपी में विभिन्न बिमारियों का ईलाज किया जाता है जैसे:- नाभि सैट करना। पेट की बीमारियां अल्सर। बवासीर सर्वाईकल साइटिका पैरालाइसिस फ्रोजन शोल्डर स्लिप डिस्क अर्थराइटिस वेरिकोज वेन्स दर्द या सुन्नपन माइग्रेन अस्थमा नींद न आना पारकिंसन् बी.पी. प्रोबलम डायबटीज़ Ms,mnd,md cp चाइल्ड मन्दबुद्धि बच्चे नसें अकड़ना शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द आना।। Specializations :- ADD, ADHD Ankylosing Spondylitis, Anxiety, Autism, Any Type of Lumber Problem, Arthritis, Asthma, BP problem, Bronchitis, Cerebral Palsy, Calf Muscles Pain, Cervical Spondylosis, Depression, Diabetes, Digestive Disorder, Down Syndrome / Mongolism, Fits / Epilepsy, Frozen Shoulder, Hypoxia, Hormonal Imbalance, Insomnia, Kidney Problem, Obesity, Ovarian Cyst, Migraine, Memory Problems, Mental Retardation, Motor Neuron, Multiple Sclerosis, Muscular Dystrophy, Navel Problem, Paralysis, Parkinson, Prolapse of Uterus, Rheumatoid Arthritis (RA), Psoriasis, Sciatica Pain, Thyroid (Hypo/Hyper), Vertigo, Writer ' S Cramp
मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020
ਨਵਜੋਤ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ ਜਨਮ ਦਿਨ ਦੀ ਬਹੁਤ ਬਹੁਤ ਵਧਾਈ
ਸਾ ਨਵਜੋਤ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ ਸਾਬਕਾ ਕੈਬਨਿਟ ਮੰਤਰੀ ਜੀ ਜਨਮ ਦਿਨ ਦੀ ਬਹੁਤ ਬਹੁਤ ਵਧਾਈ ਹੋਵੇ
मंगलवार, 29 सितंबर 2020
ਕਬਜ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਕੁਝ ਘਰੇਲੂ ਤਰੀਕੇ ਅਤੇ ਨਿਊਰੋਥਰੈਪੀ
ਕਬਜ ਇਕ ਬਹੁਤ ਪੁਰਾਣੀ ਬਿਮਾਰੀ ਹੈ. ਕਈ ਲੋਕ ਇਸ ਬਿਮਾਰੀ ਨੂੰ ਕੁਛ ਖਾਸ ਨੀ ਸਮਜਦੇ ਪਰ ਕਿਉਕਿ ਘੰਟਾ ਫੋਨ ਤੇ ਲਗੇ ਰਹਿਣ ਨਾਲ ਊਨਾ ਨੂੰ ਪਤਾ ਨੀ ਲਗਦਾ ਕੇ ਉਹ ਇਕ ਸੀਰਿਯਸ ਬਿਮਾਰੀ ( disease) ਨੂੰ ਝੇਲ ਰਹੇ ਨੇ. ਕਬਜ ਹੋਣ ਨਾਲ ਪੈਟ ਵਿਚ ਦਰਦ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਟਾਇਲਟ ਵਿਚ ਜਦ ਟੀਮ ਲਗਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨਾਲ ਕਈ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਲਗ ਜਾਂਦੀਆਂ ਨੇ
ਕਬਜ ਨਾਲ ਲਗਨ ਵਾਲਿਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ
- 1 ਪੈਟ ਵਿਚ ਗੈਸ ਬਣਨਾ
- 2 ਬਵਾਸੀਰ ਹੋਣਾ
- 3 ਪੈਟ ਵਿਚ ਦਰਦ ਹੋਣਾ
- 4 ਸਰ ਦਰਦ ਰਹਿਣਾ
1. ਇਕ ਚਮਚ ਸ਼ਹਿਦ ਤੇ ਇਕ ਤਾਜੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਗਿਲਾਸ ਲਵੋ ਫਰ ਮਿਲਾ ਕੇ ਪਿਓ - ਕਬਜ ਦੂਰ ਹੋ ਜਾਏਗੀ. ਜੇਕਰ ਇਸਨੂੰ ਰੋਜ ਪਿਯੋ ਤਾ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਹੈ
2 ਗਾਜਰ ਮੁੱਲੀ ਟਮਾਟਰ ਪਾਲਕ ਦਾ ਸਲਾਦ ਵਿਚ ਨਾਰੀਅਲ ਦੀ ਗਿਰੀ ਮਿਲਾਕੇ ਖਾਣ ਨਾਲ ਪੁਰਾਣੀ ਕਬਜ ਵੀ ਦੂਰ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ
3 . ਇਕ ਗਲਾਸ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਸੇਂਧਾ ਨਮਕ ਅਤੇ ਇਕ ਨਿਮਬੂ ਦਾ ਰਸ ਮਿਲਾਕੇ ਖਾਲੀ ਪੈਟ ਪੀਣ ਨਾਲ ਵੀ ਕਬਜ ਦੂਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਆਰਾਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ .
4. ਰੋਜ ਸਵੇਰੇ ਉੱਠ ਕੇ ਸੈਰ ਕਰੋ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਪਿਓ . ਪਾਣੀ ਦਿਨ ਵਿਚ 5 ਤੋਂ 6 ਘਟੋ ਘਟ ਪੀਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨਾਲ ਕਬਜ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਕਦੇ ਨੀ ਹੋਵੇਗੀ
शुक्रवार, 28 अगस्त 2020
न्यूरोथैरेपी की सहायता से कम किया जा सकता है गर्दन का हर दर्द ठीक
कभी कमर में, कभी जोड़ों में तो कभी किसी और हिस्से में, हम जीवनभर शरीर के अलग-अलग अंगों में होने वाले दर्द से जूझते रहते हैं. परंतु कभी-कभी कुछ अंगों की पीड़ा इतनी भयंकर होती है कि व्यक्ति की स्थिति दयनीय हो जाती है. ऐसी ही एक पीड़ा है - गर्दन की. हमारे सर से लेकर कंधे तक जो हिस्सा होता है उसे सर्वाइकल कहते हैं परंतु डॉक्टरों ने इस स्थान पर होने वाली पीड़ा को भी 'सर्वाइकल' नाम दिया है. इस लेख को लिखने का एक ही मकसद है कि लोगों के बीच सर्वाइकल को लेकर जो मिथ या भ्रम हैं वह दूर हो जाएं और लोग बेफिज़ूल में भ्रम न पालें.
क्या होता है सर्वाइकल और क्या हैं इसके लक्षण
1. सिर को एक मुद्रा में काफी
देर रखने
पर दर्द
होना– गर्दन में दर्द होने का प्रमुख लक्षण सिर को एक मुद्रा या दिशा में काफी देर तर रखने पर दर्द होना।
ऐसी स्थिति में लोगों को सिर को सीधा करने में दूसरे लोगों की मदद लेनी पड़ती है।
2. सिरदर्द होना- गर्दन दर्द का अन्य लक्षण सिरदर्द होना है।
आमतौर पर, सिरदर्द काफी सारे कारणों से हो सकता है, जिसकी वजह से लोगों के लिए यह समझना की यह गर्दन दर्द की वजह से भी हो सकता है, थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
3. सिर हिलाने में परेशानी होना- यदि किसी व्यक्ति को सिर या गर्दन को हिलाने में परेशानी हो, तो उसे इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह गर्दन में दर्द का लक्षण हो सकता है।
4. मांसपेशियों में अकड़न होना- इस समस्या का अन्य लक्षण मांसपेशियों में अकड़न होना है।
ऐसी स्थिति में लोगों को बदन दर्द होता है, जिसके लिए उन्हें अक्सर दर्द-निवारक दवाइयों या ही डॉक्टर से मिलने की जरूरत पड़ सकती है।
5. गर्दन में गांठ
बनना- गर्दन में गांठ होना भी गर्दन में दर्द का संकेत हो सकता है, जिसे किसी भी व्यक्ति को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।
गर्दन में सूजन आना
1. एक्स-रे कराना- गर्दन में दर्द का पता लगाने का सबसे आसान तरीका एक्स-रे करना है।
ऐसी स्थिति में गर्दन का एक्स-रे किया जाता है ताकि दर्द के सटीक हिस्से का पता लगाया जा सके।
2. सी.टी.स्केन
कराना- अक्सर, इस समस्या की पुष्टि सी.टी.स्कैन के द्वारा भी संभव हो जाती है।
सी.टी.स्कैन के द्वारा गर्दन के अंदरूनी हिस्से को मॉनिटर किया जाता है।
3. एम.आर.आई कराना- कई बार, डॉक्टर गर्दन में दर्द का पता लगाने के लिए एम.आर.आई का भी सहारा लेते हैं।
4. ईएमजी कराना- वर्तमान समय में, इस बीमारी का पता लगाने के लिए ईएमची नामक टेस्ट का भी सहारा लिया जा रहा है।
इसे इलेक्ट्रोमायोग्राफी (electromyography) नाम से जाना जाता है, जिसे तब किया जाता है, जब किसी व्यक्ति के इस दर्द का जुड़ाव नस से हो।
5. ब्लड टेस्ट कराना- कई बार, ब्लड टेस्ट कराना भी गर्दन में दर्द के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
यह टेस्ट शरीर में अंदरूनी सूजन की जानकारी देने में सहायता करता है।
गर्दन में दर्द का इलाज कैसे किया जा सकता है?
न्यूरोथैरेपी कराना- नेक पेन को न्यूरोथैरेपी की सहायता से भी कम किया जा सकता है।
इस तरह की थेरेपी इस दर्द को कम करने के साथ-साथ इससे पीड़ित लोगों को आराम दिलाने में सहायता करती है।
1. योगा करना– गर्दन में दर्द को योगा के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
इसके लिए संगासान, मत्यासान, सेसुबंध आसान जैसे योगासान को करना लाभकारी साबित हो सकता है।
2. एक्सराइज़ करना- योगा के अलावा, गर्दन में दर्द के लिए एक्सराइज़ भी किया जा सकता है।
इसके लिए दाई-बाई ओर घुमाना, गर्दन को आगे-पीछे हिलाना, गर्दन को ऊपर-नीचे हिलाना इत्यादि एक्सराइज़ की जा सकती हैं।
3. गर्दन पर गर्म
या बर्फ
के टुकड़े
का इस्तेमाल
करना- अक्सर, इस दर्द के लिए गर्म पानी या बर्फ के टुकड़े का गर्दन पर रखना या इस्तेमाल करना लाभकारी साबित हो सकता है।
इस प्रकार, ऐसा करने से गर्दन दर्द कम हो सकता है।
4. सिकाई करना- शरीर के अन्य अंगों पर दर्द के समान गर्दन दर्द के लिए भी सिकाई करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
अत: इस स्थिति में सिकाई की जा सकती है जिससे यह दर्द कम हो सके।
5. गर्दन को धीरे-धीरे हिलाना- चूंकि, गर्दन में दर्द होने पर गर्दन अकड़ जाती है, जिसकी वजह से उनके लिए गर्दन को हिलाना भी मुश्किल हो सकता है।
ऐसी स्थिति में गर्दन को धीरे-धीरे हिलाना सहायक तरीका साबित हो सकता है