शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

न्यूरोथैरेपी की सहायता से कम किया जा सकता है गर्दन का हर दर्द ठीक

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कभी कमर में, कभी जोड़ों में तो कभी किसी और हिस्से में, हम जीवनभर शरीर के अलग-अलग अंगों में होने वाले दर्द से जूझते रहते हैं. परंतु कभी-कभी कुछ अंगों की पीड़ा इतनी भयंकर होती है कि व्यक्ति की स्थिति दयनीय हो जाती है. ऐसी ही एक पीड़ा है - गर्दन की. हमारे सर से लेकर कंधे तक जो हिस्सा होता है उसे सर्वाइकल कहते हैं परंतु डॉक्टरों ने इस स्थान पर होने वाली पीड़ा को भी 'सर्वाइकल' नाम दिया है. इस लेख को लिखने का एक ही मकसद है कि लोगों के बीच सर्वाइकल को लेकर जो मिथ या भ्रम हैं वह दूर हो जाएं और लोग बेफिज़ूल में भ्रम न पालें.
गर्दन में दर्द रहना
गर्दन में एक या दो-तीन दिन दर्द का रहना आम बात हो सकती है परंतु जब यही पीड़ा कुछ समय या लंबे समय तक रहे तो वह सर्वाइकल का लक्षण है.

क्या होता है सर्वाइकल और क्या हैं इसके लक्षण

सर से लेकर कंधों तक के भाग को सर्वाइकल कहा जाता है परंतु जब इस भाग में एक तरह की गांठ बनने लगती है तो उसे सर्वाइकल कहा जाता है. सर्वाइकल के कुछ मुख्य लक्षण हैं जो इस प्रकार हैं  

1.    सिर को एक मुद्रा में काफी देर रखने पर दर्द होना– गर्दन में दर्द होने का प्रमुख लक्षण सिर को एक मुद्रा या दिशा में काफी देर तर रखने पर दर्द होना।
ऐसी स्थिति में लोगों को सिर को सीधा करने में दूसरे लोगों की मदद लेनी पड़ती है।

2.    सिरदर्द होनागर्दन दर्द का अन्य लक्षण सिरदर्द होना है।
आमतौर पर, सिरदर्द काफी सारे कारणों से हो सकता है, जिसकी वजह से लोगों के लिए यह समझना की यह गर्दन दर्द की वजह से भी हो सकता है, थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

3.    सिर हिलाने में परेशानी होनायदि किसी व्यक्ति को सिर या गर्दन को हिलाने में परेशानी हो, तो उसे इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह गर्दन में दर्द का लक्षण हो सकता है।

4.    मांसपेशियों में अकड़न होनाइस समस्या का अन्य लक्षण मांसपेशियों में अकड़न होना है।
ऐसी स्थिति में लोगों को बदन दर्द होता है, जिसके लिए उन्हें अक्सर दर्द-निवारक दवाइयों या ही डॉक्टर से मिलने की जरूरत पड़ सकती है।

5.    गर्दन में गांठ बननागर्दन में गांठ होना भी गर्दन में दर्द का संकेत हो सकता है, जिसे किसी भी व्यक्ति को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।

 


गर्दन में सूजन आना

बेवजह ही गर्दन में सूजन आना सर्वाइकल का लक्षण हो सकता है क्योंकि गर्दन में सूजन आना आम बात नहीं है. हां, अगर पीड़ा आम है तो वह एक-दो दिन में ठीक हो जाएगी
                           गर्दन में दर्द का पता कैसे लगाएं?

1.    एक्स-रे करानागर्दन में दर्द का पता लगाने का सबसे आसान तरीका एक्स-रे करना है।
ऐसी स्थिति में गर्दन का एक्स-रे किया जाता है ताकि दर्द के सटीक हिस्से का पता लगाया जा सके।

2.    सी.टी.स्केन करानाअक्सर, इस समस्या की पुष्टि सी.टी.स्कैन के द्वारा भी संभव हो जाती है।
सी.टी.स्कैन के द्वारा गर्दन के अंदरूनी हिस्से को मॉनिटर किया जाता है।

3.    एम.आर.आई करानाकई बार, डॉक्टर गर्दन में दर्द का पता लगाने के लिए एम.आर.आई का भी सहारा लेते हैं।

4.    ईएमजी करानावर्तमान समय में, इस बीमारी का पता लगाने के लिए ईएमची नामक टेस्ट का भी सहारा लिया जा रहा है।
इसे इलेक्ट्रोमायोग्राफी (electromyography) नाम से जाना जाता है, जिसे तब किया जाता है, जब किसी व्यक्ति के इस दर्द का जुड़ाव नस से हो।

5.    ब्लड टेस्ट करानाकई बार, ब्लड टेस्ट कराना भी गर्दन में दर्द के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
यह टेस्ट शरीर में अंदरूनी सूजन की जानकारी देने में सहायता करता है।




गर्दन में दर्द का इलाज कैसे किया जा सकता है?


न्यूरोथैरेपी  कराना- नेक पेन को  न्यूरोथैरेपी की सहायता से भी कम किया जा सकता है।

इस तरह की थेरेपी इस दर्द को कम करने के साथ-साथ इससे पीड़ित लोगों को आराम दिलाने में सहायता करती है।

1.    योगा करना गर्दन में दर्द को योगा के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
इसके लिए संगासान, मत्यासान, सेसुबंध आसान जैसे योगासान को करना लाभकारी साबित हो सकता है।

2.    एक्सराइज़ करनायोगा के अलावा, गर्दन में दर्द के लिए एक्सराइज़ भी किया जा सकता है।
इसके लिए दाई-बाई ओर घुमाना, गर्दन को आगे-पीछे हिलाना, गर्दन को ऊपर-नीचे हिलाना इत्यादि एक्सराइज़ की जा सकती हैं।

3.    गर्दन पर गर्म या बर्फ के टुकड़े का इस्तेमाल करनाअक्सर, इस दर्द के लिए गर्म पानी या बर्फ के टुकड़े का गर्दन पर रखना या इस्तेमाल करना लाभकारी साबित हो सकता है।
इस प्रकार, ऐसा करने से गर्दन दर्द कम हो सकता है।

4.    सिकाई करनाशरीर के अन्य अंगों पर दर्द के समान गर्दन दर्द के लिए भी सिकाई करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
अत: इस स्थिति में सिकाई की जा सकती है जिससे यह दर्द कम हो सके।

5.    गर्दन को धीरे-धीरे हिलानाचूंकि, गर्दन में दर्द होने पर गर्दन अकड़ जाती है, जिसकी वजह से उनके लिए गर्दन को हिलाना भी मुश्किल हो सकता है।
ऐसी स्थिति में गर्दन को धीरे-धीरे हिलाना सहायक तरीका साबित हो सकता है

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