गुरुवार, 3 नवंबर 2022

किचन में रखा है दांतों की सड़न का इलाज


 आजकल के खराब फूड हैबिट्स के चलते लोगों के दांतों में सड़न और दर्द होना एक आम बात हो गई है. ज्यादातर बच्चों को देखा जाता है कि कम उम्र में ही उनके दांत सड़ने लगते हैं. अक्सर देखा जाता है कि अगर एक बार कैविटी की समस्या किसी को हो जाए तो उसे ठीक कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है. कई बार ये दिक्कत इतनी बढ़ जाती है कि दांत निकलवाने की नौबत आ जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के सुझाए गए कुछ घरेलू नुस्खे दांतों की कैविटी को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं.

1. जब कभी दांतों में दर्द शुरू होता है तो इसका दर्द सहना बहुत मुश्किल हो जाता है. दांतो की सड़न के लिए अगर समय पर इलाज न किया जाए तो ये पूरे दांत को अंदर से खोखला कर देता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस समस्या में अगर साधारण टूथपेस्ट के बजाय लौंग का तेल इस्तेमाल किया जाए दांतों के सड़न की दिक्कत दूर हो जाएगी. इसके लिए आपको लौंग का तेल रूई की मदद से दांतो में लगाकर रखना होगा. बता दें कि इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो दांतों के सड़न को कम करते हैं.

.2. लहसुन का इस्तेमाल ज्यादातर भारत के सभी घरों में किया जाता है. लहसुन इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ दांतों की कैविटी के खिलाफ भी असर दिखाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि लहसुन के छोटे टुकड़े दांतों की कैविटी में रखने से आराम मिलता है.

3. दांतों की कैविटी से छुटकारा पाने के लिए अमरूद के पत्ते भी काफी कारगर साबित होते हैं. इनका इस्तेमाल माउथवॉश की तरह किया जा सकता है. अमरूद के पत्तों से माउथवॉश बनाने के लिए आपको करना बस इतना है कि इसके पत्तों को धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लेना है इसके बाद इसे पानी में उबाल लेना है और इसी पानी से रोज आपको माउथवॉश करना है. ऐसा करने से आपको दांत दर्द में आराम मिलेगा और कैविटी ठीक होने लगेगी.

मंगलवार, 1 नवंबर 2022

फेफड़ो में पानी भरने पर दिखते हैं ये 10 शुरुआती लक्षण, जानें बचाव के उपाय




 फेफड़ों में पानी भर जाना एक गंभीर समस्या है। मेडिकल की भाषा में फेफड़ों में पानी भरने को पल्मोनरी एडिमा कहते हैं। डॉक्टर इस समस्या को इमरजेंसी मानते हैं, सही समय पर इलाज न लेने से इस समस्या में मरीज की मौत भी हो सकती है। फेफड़ों में पानी भरने के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं। दरअसल फेफड़ों में मौजूद छोटी-छोटी थैलियों में लिक्विड भरने लगता है और इसके बाद आपको सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर हार्ट फेलियर की वजह से आपको फेफड़ों में पानी भर जाने की समस्या होती है, लेकिन इसके अलावा ब्लड प्रेशर, निमोनिया और किडनी व लिवर से जुड़ी परेशानियां भी इसका कारण बन सकती हैं। सही समय पर फेफड़ों में पानी भरने के लक्षणों को पहचानकर इलाज लेने से मरीज इस समस्या का शिकार होने से बच जाता है। आइए विस्तार से जानते है इस समस्या के शुरूआती लक्षणों के बारे में।

फेफड़ों में पानी भरने के लक्षण- 

फेफड़ों में पानी भरने पर मरीज को कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मेयोक्लिनिक के मुताबिक फेफड़ो में पानी भरने के लिए निमोनिया, हार्ट डिजीज, दवाओं के साइड इफेक्ट, बहुत ज्यादा ऊंचाई पर रहना और चोट लगना आदि जिम्मेदार होते हैं। इस समस्या में सही समय पर इलाज लेना बहुत जरूरी है। 

फेफड़ों में पानी भरने के कुछ शुरूआती लक्षण इस तरह से हैं-


सांस लेने में परेशानी

खांसी और बलगम

स्किन का पीला पड़ना

सांस लेते समय घबराहट

चिंता और बेचैनी का अनुभव

बहुत ज्यादा पसीना आना

सीने या छाती में दर्द

रात के समय अचानक सांस फूलना

सीधे लेटने पर परेशानी

हाथ-पैर में सूजन