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जब बात महिलाओं की होती है, तब वह आराम से हर बीमारी को नजरअंदाज कर देती हैं। यही कारण है कि आज दुनियाभर में महिलाओं को ही सबसे ज्यादा भयंकर बीमारी का समाना करना पड़ रहा है। अधिकतर महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देती। कई बार इसी वजह से कोई बड़ी बीमारी बाद में या लाइलाज स्टेज पर पता चल जाती है। ऐसी कुछ बीमारियां हैं, जो अगर जल्द पहचान में न आइ तो उनसे जान को खतरा पैदा हो जाता है। इसलिये अच्छा होगा कि कोई भी बीमारी का अंदेशा होने पर जल्द से जल्द उसकी समस्या का समाधान कर लें। महिलाओं को समझना होगा कि अगर उन्हें अपने परिवार को सुखी देखना है तो पहले खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। यदि घर की मां खुश और स्वस्थ्य रहेगी तभी उसका परिवार भी स्वस्थ्य रह कर बीमारियों से लड़ने में सक्षम रहेगा। अगर आपके घर में आपकी मां कई दिनों से बीमार हैं या फिर आपकी पत्नी किसी रोग को लेकर बार बार आप से बात कर रही है या चिंता में है तो यह आपका फर्ज है कि आप अपना सारा काम-धाम छोड़ कर उसे डॉक्टर के पास ले कर जाएं। तो हम महिलाओं से केवल इतना ही कहना चाहेगें कि यदि आपकी उम्र 40 पार हो चुकी है तो अपने कुछ जरुरी टेस्ट करवाने बिल्कुल भी ना भूलें।
हड्डियों का चेकअप ऑस्टियोपोरोसिस का नाम तो आपने सुना ही होगा, अगर नहीं तो यह हड्डी की एक अवस्था होती है जिसमें हड्डियाँ उम्र के साथ मुलायम हो कर चिटकने लगती हैं। इसका ट्रीटमेंट थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि जब तक किसी औरत को इस बीमारी के बारे में पता चला है, तब तक बहुत देर हो जाती है। इसकी समस्या कैल्शियम की कमी से होती है।
इससे कोई फरक नहीं पडता कि आप की उम्र क्या है क्योंकि अवस्था कोई भी हो अपनी हड्डी को मजबूत रखना बहुत जरुरी है। कई लोगों का यह मानना है कि हड्डी तो वैसे भी शरीर का सबसे मजबूत अंग होता है तो भला इसकी देखभाल करने से क्या फायदा। ऑस्टियोपोरोसिस का नाम तो आपने सुना ही होगा, अगर नहीं तो हम बता दें कि यह हड्डी की एक अवस्था होती है जिसमें हड्डियाँ उम्र के साथ मुलायम हो कर चिटकने लगती हैं। यह बीमारी जयादातर महिलाओं और लडकियों में देखने को मिलती है। यह ज्यादातर 50 की उम्र की महिलाओं को होती है। चलिए देखते हैं कि इस बीमारी को दूर करने के लिए और अपनी हड्डी को मजबूत बनाने के लिए क्या आहार ले सकते हैं। यह आहार हैं विषेश- 1.दूध: आपकी मां आपको हर वक्त दूध पीने को हमेशा कहती हैं क्योंकि इसके पीछे एक कारण है। दूध कैल्शियम और विटामिन डी का सबसे बडा स्रोत होता है। रिसर्च के मुताबिक कुछ डेयरी प्रोडक्ट जैसे कि चीज़ और आइस्क्रीम भी कैल्शियम के अच्छे स्रोत माने जाते हैं पर उनमें विटामिन डी नहीं पाया जाता। 2.व्यायाम: व्यायाम न करना बहुत ही गलत आदत है। अगर आपको अपनी हड्डी को मजबूत बनाना है तो अभी से ही टहलना, जौगिंग करना, वेट लिफ्टिंग, पुश अप और सीढियां चढना शुरु कर दें। आप को हफ्ते में छह दिन 30 मिनट तक के लिए तो व्यायाम करना ही चाहिएये। 3.मेवा-बीज: अगर आपको किसी भी प्रकार का मेवा पसंद है तो उसे जरुर खाएं। कद्दू के बीज में मैगनीश्यिम होता है। बादाम और पिस्ता जैसे मेवे भी आप खा सकती हैं। इसमें ढेर सारे पोषक तत्व आपकी हड्डी को मजबूती देगें। अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा बहुत अधिक पायी जाती है। साथ ही इसमें अल्फालिनोलिक एसिड होता है जो हड्डी को मजबूती प्रदान करता है। 4.गाजर: इस सब्जी में अल्फा कैरोटीन, बीटा कैरोटीन और बीटाक्रप्टोएक्सथिन पाया जाता है। गाजर को आप सलाद के रुप में कच्चा खा सकते हैं। 5.विटामिन डी: यह पोषक तत्व कैलश्यिम को सोखने और बनाये रखने में काम आता है। सूरज की धूप शरीर में विटामिन डी भरती है और इसे पाने के लिए आपको संतरे का जूस, दूध, मछली आदि खाना चाहिये।
महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण और उपचार
कैल्सियम एक ऐसा पोषक तत्व है, जिसकी शरीर को काफी जरूरत होती है। दूसरे पोषक तत्व की तरह ही हमारे डाइट में कैल्सियम की बड़ी भूमिका होती है। मजबूत हड्डी और दांत के निर्माण में कैल्सियम आवश्यक होता है। इतना ही नहीं, कैल्सियम हमारे स्वास्थ को भी बेहतर बनाता है। बेहतर स्वास्थ के लिए नि:संदेश कैल्सियम एक जरूरी पोषक तत्व है। पोषक तत्व का सेवन और इसका स्तर महिला और पुरुष में अलग-अलग हो सकता है। कई बार महिलाओं को अपने स्वास्थ को बनाए रखने के लिए कुछ अतिरिक्त पोषक तत्व की जरूरत होती है। महिलाएं अपने करियर और फैमिली का ध्यान रखते-रखते कई बार अपने आहार और फिटनेस को लेकर लापरवाह हो जाती है। वह भूल जाती है कि उनकी अपनी भी जिंदगी है और उन्हें अपना भी ख्याल रखना चाहिए। रोज कीजिये एक्सरसाइज नहीं तो हो जाएंगी हड्डियां कमजोर बुनियादी बातें इससे पहले कि आप महिलाओं में कैल्सियम की कमी के लक्षण और उसके उपचार के बारे में जानें, आपके लिए कैल्सियम के बारे में जानना अच्छा होगा। -यह ऐसा पौष्टिक तत्व है जो आपकी हड्डियों और दांतों को संरचना प्रदान करता है। - तंदुरुस्त दिल के लिए यह जरूरी होता है। - आपके मसल की कार्यप्रणाली इस पोषक तत्व पर निर्भर करती है और इसी से आपकी हड्डी भी मजबूत होती है। - अपने औषधीय गुण के कारण यह सबसे ज्यादा बिकने वाला सप्लीमेंट्स है। लक्षण अब आप जान गए हैं कि कैल्सियम कितना महत्वपूर्ण है। आइए अब कुछ और बातें जानते हैं। यहां हम आपको महिलाओं में कैल्सियम की कमी के लक्षण के बारे में बता रहे हैं। - महिलाओं के शरीर में 1000 से 1200 मिली ग्राम कैल्सियम होनी चाहिए। इससे कम मात्रा को कैल्सियम की कमी माना जाता है और आपको फिजिशियन से इस बारे में जरूर बात करनी चाहिए जो आपको बेहतर आहार की सलाह देंगे। महिलाओं में कैल्सिय की कमी के लक्षण साफ दिखाई नहीं देते हैं। पर अगर आप नियमित रूप से फ्रेक्चर से जूझ रही हैं और आपकी हड्डी काफी कमजोर हो गई है तो आपको ध्यान देने की जरूरत है। यह भी जरूरी है कि आप उम्रदराज महिलाओं में भी कैल्सियम की कमी को गंभीरता से लें। - अगर महिलाओं में कैल्सियम की कमी के लक्षण को नजरअंदाज कर दिया जाए तो इससे आस्टिओपरोसिस का खतरा भी पैदा हो जाता है। कैल्सियम की कमी का जल्दी पता लगाने के लिए आपको ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। - महिलाओं में कैल्सियम की कमी का लक्षण संवदेनशून्यता और मसल में अकड़ आना भी है। अगर इस स्थिति का उपचार न कराया जाए तो इस बात का खतरा रहता है कि नर्व ठीक तरह से सिग्नल भेजना बंद कर दे। - महिलाओं में कैल्सियम की कमी को बेहतर तरह से जानने के लिए आपको हृदय के आवर्तन पर ध्यान देना चाहिए। कैल्सियम की कमी होने पर हृदय आवर्तन प्रभावित होता है। - कई बार महिलाओं में कैल्सियम की कमी से कंफ्यूशन, साइकोसिस और थकान भी होती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि दिमाग को भी कैल्सियम चाहिए होता है। हालांकि उम्रदराज महिलाओं में कैल्सियम की कमी का ध्यान बेहतर तरीके से रखना पड़ता है। उपचार - कैल्सियम सप्लीमेंट लेना कैल्सियम की कमी का एक उपचार है। उम्रदराज महिलाओं को कैल्सियम सप्लीमेंट की जरूरत ज्यादा होती है। आप अपना इलाज खुद न करें, क्योंकि ज्यादा सप्लीमेंट लेने से कैल्सियम का ओवरडोज भी हो सकता है।
जब बात महिलाओं की होती है, तब वह आराम से हर बीमारी को नजरअंदाज कर देती हैं। यही कारण है कि आज दुनियाभर में महिलाओं को ही सबसे ज्यादा भयंकर बीमारी का समाना करना पड़ रहा है। अधिकतर महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देती। कई बार इसी वजह से कोई बड़ी बीमारी बाद में या लाइलाज स्टेज पर पता चल जाती है। ऐसी कुछ बीमारियां हैं, जो अगर जल्द पहचान में न आइ तो उनसे जान को खतरा पैदा हो जाता है। इसलिये अच्छा होगा कि कोई भी बीमारी का अंदेशा होने पर जल्द से जल्द उसकी समस्या का समाधान कर लें। महिलाओं को समझना होगा कि अगर उन्हें अपने परिवार को सुखी देखना है तो पहले खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। यदि घर की मां खुश और स्वस्थ्य रहेगी तभी उसका परिवार भी स्वस्थ्य रह कर बीमारियों से लड़ने में सक्षम रहेगा। अगर आपके घर में आपकी मां कई दिनों से बीमार हैं या फिर आपकी पत्नी किसी रोग को लेकर बार बार आप से बात कर रही है या चिंता में है तो यह आपका फर्ज है कि आप अपना सारा काम-धाम छोड़ कर उसे डॉक्टर के पास ले कर जाएं। तो हम महिलाओं से केवल इतना ही कहना चाहेगें कि यदि आपकी उम्र 40 पार हो चुकी है तो अपने कुछ जरुरी टेस्ट करवाने बिल्कुल भी ना भूलें।
हड्डियों का चेकअप ऑस्टियोपोरोसिस का नाम तो आपने सुना ही होगा, अगर नहीं तो यह हड्डी की एक अवस्था होती है जिसमें हड्डियाँ उम्र के साथ मुलायम हो कर चिटकने लगती हैं। इसका ट्रीटमेंट थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि जब तक किसी औरत को इस बीमारी के बारे में पता चला है, तब तक बहुत देर हो जाती है। इसकी समस्या कैल्शियम की कमी से होती है।
इससे कोई फरक नहीं पडता कि आप की उम्र क्या है क्योंकि अवस्था कोई भी हो अपनी हड्डी को मजबूत रखना बहुत जरुरी है। कई लोगों का यह मानना है कि हड्डी तो वैसे भी शरीर का सबसे मजबूत अंग होता है तो भला इसकी देखभाल करने से क्या फायदा। ऑस्टियोपोरोसिस का नाम तो आपने सुना ही होगा, अगर नहीं तो हम बता दें कि यह हड्डी की एक अवस्था होती है जिसमें हड्डियाँ उम्र के साथ मुलायम हो कर चिटकने लगती हैं। यह बीमारी जयादातर महिलाओं और लडकियों में देखने को मिलती है। यह ज्यादातर 50 की उम्र की महिलाओं को होती है। चलिए देखते हैं कि इस बीमारी को दूर करने के लिए और अपनी हड्डी को मजबूत बनाने के लिए क्या आहार ले सकते हैं। यह आहार हैं विषेश- 1.दूध: आपकी मां आपको हर वक्त दूध पीने को हमेशा कहती हैं क्योंकि इसके पीछे एक कारण है। दूध कैल्शियम और विटामिन डी का सबसे बडा स्रोत होता है। रिसर्च के मुताबिक कुछ डेयरी प्रोडक्ट जैसे कि चीज़ और आइस्क्रीम भी कैल्शियम के अच्छे स्रोत माने जाते हैं पर उनमें विटामिन डी नहीं पाया जाता। 2.व्यायाम: व्यायाम न करना बहुत ही गलत आदत है। अगर आपको अपनी हड्डी को मजबूत बनाना है तो अभी से ही टहलना, जौगिंग करना, वेट लिफ्टिंग, पुश अप और सीढियां चढना शुरु कर दें। आप को हफ्ते में छह दिन 30 मिनट तक के लिए तो व्यायाम करना ही चाहिएये। 3.मेवा-बीज: अगर आपको किसी भी प्रकार का मेवा पसंद है तो उसे जरुर खाएं। कद्दू के बीज में मैगनीश्यिम होता है। बादाम और पिस्ता जैसे मेवे भी आप खा सकती हैं। इसमें ढेर सारे पोषक तत्व आपकी हड्डी को मजबूती देगें। अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा बहुत अधिक पायी जाती है। साथ ही इसमें अल्फालिनोलिक एसिड होता है जो हड्डी को मजबूती प्रदान करता है। 4.गाजर: इस सब्जी में अल्फा कैरोटीन, बीटा कैरोटीन और बीटाक्रप्टोएक्सथिन पाया जाता है। गाजर को आप सलाद के रुप में कच्चा खा सकते हैं। 5.विटामिन डी: यह पोषक तत्व कैलश्यिम को सोखने और बनाये रखने में काम आता है। सूरज की धूप शरीर में विटामिन डी भरती है और इसे पाने के लिए आपको संतरे का जूस, दूध, मछली आदि खाना चाहिये।
महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण और उपचार
कैल्सियम एक ऐसा पोषक तत्व है, जिसकी शरीर को काफी जरूरत होती है। दूसरे पोषक तत्व की तरह ही हमारे डाइट में कैल्सियम की बड़ी भूमिका होती है। मजबूत हड्डी और दांत के निर्माण में कैल्सियम आवश्यक होता है। इतना ही नहीं, कैल्सियम हमारे स्वास्थ को भी बेहतर बनाता है। बेहतर स्वास्थ के लिए नि:संदेश कैल्सियम एक जरूरी पोषक तत्व है। पोषक तत्व का सेवन और इसका स्तर महिला और पुरुष में अलग-अलग हो सकता है। कई बार महिलाओं को अपने स्वास्थ को बनाए रखने के लिए कुछ अतिरिक्त पोषक तत्व की जरूरत होती है। महिलाएं अपने करियर और फैमिली का ध्यान रखते-रखते कई बार अपने आहार और फिटनेस को लेकर लापरवाह हो जाती है। वह भूल जाती है कि उनकी अपनी भी जिंदगी है और उन्हें अपना भी ख्याल रखना चाहिए। रोज कीजिये एक्सरसाइज नहीं तो हो जाएंगी हड्डियां कमजोर बुनियादी बातें इससे पहले कि आप महिलाओं में कैल्सियम की कमी के लक्षण और उसके उपचार के बारे में जानें, आपके लिए कैल्सियम के बारे में जानना अच्छा होगा। -यह ऐसा पौष्टिक तत्व है जो आपकी हड्डियों और दांतों को संरचना प्रदान करता है। - तंदुरुस्त दिल के लिए यह जरूरी होता है। - आपके मसल की कार्यप्रणाली इस पोषक तत्व पर निर्भर करती है और इसी से आपकी हड्डी भी मजबूत होती है। - अपने औषधीय गुण के कारण यह सबसे ज्यादा बिकने वाला सप्लीमेंट्स है। लक्षण अब आप जान गए हैं कि कैल्सियम कितना महत्वपूर्ण है। आइए अब कुछ और बातें जानते हैं। यहां हम आपको महिलाओं में कैल्सियम की कमी के लक्षण के बारे में बता रहे हैं। - महिलाओं के शरीर में 1000 से 1200 मिली ग्राम कैल्सियम होनी चाहिए। इससे कम मात्रा को कैल्सियम की कमी माना जाता है और आपको फिजिशियन से इस बारे में जरूर बात करनी चाहिए जो आपको बेहतर आहार की सलाह देंगे। महिलाओं में कैल्सिय की कमी के लक्षण साफ दिखाई नहीं देते हैं। पर अगर आप नियमित रूप से फ्रेक्चर से जूझ रही हैं और आपकी हड्डी काफी कमजोर हो गई है तो आपको ध्यान देने की जरूरत है। यह भी जरूरी है कि आप उम्रदराज महिलाओं में भी कैल्सियम की कमी को गंभीरता से लें। - अगर महिलाओं में कैल्सियम की कमी के लक्षण को नजरअंदाज कर दिया जाए तो इससे आस्टिओपरोसिस का खतरा भी पैदा हो जाता है। कैल्सियम की कमी का जल्दी पता लगाने के लिए आपको ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। - महिलाओं में कैल्सियम की कमी का लक्षण संवदेनशून्यता और मसल में अकड़ आना भी है। अगर इस स्थिति का उपचार न कराया जाए तो इस बात का खतरा रहता है कि नर्व ठीक तरह से सिग्नल भेजना बंद कर दे। - महिलाओं में कैल्सियम की कमी को बेहतर तरह से जानने के लिए आपको हृदय के आवर्तन पर ध्यान देना चाहिए। कैल्सियम की कमी होने पर हृदय आवर्तन प्रभावित होता है। - कई बार महिलाओं में कैल्सियम की कमी से कंफ्यूशन, साइकोसिस और थकान भी होती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि दिमाग को भी कैल्सियम चाहिए होता है। हालांकि उम्रदराज महिलाओं में कैल्सियम की कमी का ध्यान बेहतर तरीके से रखना पड़ता है। उपचार - कैल्सियम सप्लीमेंट लेना कैल्सियम की कमी का एक उपचार है। उम्रदराज महिलाओं को कैल्सियम सप्लीमेंट की जरूरत ज्यादा होती है। आप अपना इलाज खुद न करें, क्योंकि ज्यादा सप्लीमेंट लेने से कैल्सियम का ओवरडोज भी हो सकता है।