शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

डाइटिंग की राह में 28 रुकावटें


1. कैसी भी नियंत्रित डाइट हो मुझ पर असर नहीं करती। इस मामले में मेरी विल पॉवर कमजोर है। यह केवल भ्रम है, वास्तव में हमारा दिमाग एक लाइब्रेरी की तरह काम करता है। हमारे कामों के जो भी परिणाम होते हैं चाहे सकारात्मक हों या नकारात्मक, हमारे दिमाग में वह विवरण सुरक्षित रूप से जमा हो जाता है। दिमाग हमारे शरीर को जो संदेश देगा शरीर उसी के अनुसार काम करेगा। आपको अपने मन को समझा दिमाग को यह संदेश भेजना होगा कि आपको ज्यादा डाइट की जरूरत नहीं है। इसके लिए आपको अपने मन को नियंत्रण में रखना होगा। आरंभ में यह थोड़ा कठिन होगा पर थोड़े समय बाद दिमाग इस तरफ काम करना शुरू कर देगा।

2. मैं हेल्दी फूड पसंद नहीं करती। यह समझना बेहद जरूरी है कि हम अच्छा खाना किसे मानते हैं। सालों से तेल-घी से भरा चर्बीयुक्त भोजन जो हम कर रहे हैं वह या पौष्टिक भोजन। दोनों का अंतर जान लेना आवश्यक है। बाजार में जो हेल्दी फूड या भोजन के विकल्प उपलब्ध हैं, हो सकता है कि शुरुआत में उनका स्वाद आपको अच्छा न लगे पर धीरे-धीरे दो से चार सप्ताह में आपको उनकी आदत हो जाएगी।

3. जब कोई मेरे लिए मेहनत से खाना बनाता है तो मैं मना नहीं कर पाती। यह एक नजरिया हो सकता है पर मुख्य नजरिया नहीं होना चाहिए। खाना खाने व अपने को ज्यादा खाना से रोकनेके तरीके जानिए। अपने खाने पर ध्यान केंद्रित कीजिए। जो आप खाना चाहती हैं उसे धीरे-धीरे चबा कर व स्वाद लेकर खाएं। आप यदि खाना खाकर बनाने वाले की तारीफ कर धन्यवाद के दो शब्द कह देंगी तो ही वह खुश हो जाएगा। इस प्रकार आप दूसरे की मेहनत व अपनी डाइट दोनों का खयाल रख पाएंगी।

4. जब मैं खाना शुरू करती हूं तो जब तक खाना समाप्त नहीं हो जाता खाती रहती हूं। इस आदत का सीधा ताल्लुक आपके मस्तिष्क से है। आपको अपनी खाने की आदत पर नियंत्रण रखना होगा। अपनी कैलोरीज के अनुसार भोजन बनाइए, ज्यादा खाना बना कर न रखिए, अंत में खाना खाइए, थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद कुछ न कुछ खाते रहने की आदत डाल लीजिए। स्वयं के अंदर आकर्षक, सुंदर व छरहरी बनने और दिखने की भावना विकसित कीजिए। भूख का लगना आपकी फीलिंग से जुड़ा मसला है।

5. मुझे खाना छोड़ना गलत लगता है। दुनिया में लाखों लोग भूख से मर रहे हैं। जब मेरे बच्चे खाना छोड़ते हैं तो मुझे दुख होता है और मैं उसे खाकर समाप्त कर देती हूं। यह करने के स्थान पर आप उस बचे हुए खाने को सुरक्षित रख सकती हैं और अगले समय में उपयोग कर सकती हंै। इसमें अपराधबोध महसूस करने की कोई आवश्यकता नहीं। यदि आपको गरीबी व भुखमरी की वाकई चिंता है तो बचत कीजिए व दान दीजिए। अपनी भावना का सम्मान कीजिए पर सही तरीके से।

6. मैं हर साल जनवरी में नए जिम की सदस्यता लेती हूं पर फरवरी से ही जाना बंद कर देती हूं। मुझे लगता है कि यह समय व पैसे की बर्बादी है और कुछ नहीं। फिटनेस एक्सपर्ट बेनू गुप्ता कहती हैं कि इस सोच के पीछे दो कारण हैं। आपको यह निश्चय करना होगा कि आप जिम के वातावरण में सहज रहती हैं या घर के। यदि आप जिम जाना चाहती हैं तो देखिए कि कितने पैसे में आप क्या प्राप्त कर पा रही हैं। प्रशिक्षित व अनुभवी ट्रेनर से अपनी काया को फिट रखने के तरीके जानिए। वैसे भी जिम जाकर फिटनेस सीखने में आप घर से ज्यादा अनुशासित रह पाएंगी। यह भी ध्यान रखिए कि जिम आपके घर या ऑफिस से ज्यादा दूर न हो। यदि फिर भी आपको जिम जाना समय की बर्बादी लगता है तो घर पर ही इसका आनंद लीजिए। सैर करना व जॉगिंग करना दो अच्छे तरीके हैं अपनी काया को सुडौल बनाने के और चुस्त-दुरुस्त रखने के।

7. मैं जब भी अपने को चॉकलेट खाने से रोकती हूं मेरा और खाने का दिल करता है। मैं अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाती। इसके लिए बेहतर होगा कि अपने को एकदम से न रोकें। छोटा-सा टुकड़ा ले कर स्वाद व तसल्ली से खाएं। च्यूइंगम लेकर देर तक मुंह में रखें। अपने मन को राजी करें व दूसरे कामों में लगाएं। चॉकलेट का कोई अच्छा विकल्प ढूढें।

8. मैं जब भी पूरा सप्ताह खाने पर नियंत्रण रख कर व व्यायाम करके बिताती हूं तो वीकएंड में सब कुछ बेकार हो जाता है। मैं भूखे रहकर तंग आ चुकी होती हूं। आप अपने खाने का तरीका बदलिए, जो आप दिन भर में खा रही हैं उसका हिसाब रखिए। देखिए कि कितनी कम कैलोरी आप ले रही हैं। जितना खाना है उतना एक बार में परोस लीजिए और कोशिश कीजिए कि यह ध्यान रहे कि खाना हेल्दी हो। धीरे-धीरे खाना खाइए उसका पूरा स्वाद लेकर।

9. जो खाद्य पदार्थ मेरे लिए वर्जित हैं यदि मैं उनका सेवन कर लूं तो क्या मेरी डाइटिंग धरी रह जाती है? यह भावना कि या तो कुछ नहीं खाऊंगी या नियंत्रण नहीं रख पाऊंगी दोनों ही गलत हैं। हर दिन आपकी मर्जी से नहीं गुजरता। बेहतर होगा कि आप अपना डाइट चार्ट जो भी बनाती हैं उस पर शत-प्रतिशत अमल करें। हो सकता है कि समय व परिस्थिति के अनुसार कभी-कभी नियमों को तोड़ना भी पड़े तो अगले समय पर डाइटिंग पर ज्यादा बल दें।

10. ज्यादातर औरतें समाज के दबाव से डाइटिंग करती हैं, मैं जैसी हूं वैसी ठीक हूं। यह याद रखें कि वजन कम करना अपने शरीर पर शर्मिदा होना नहीं है। अच्छी सेहत व चुस्ती-फुर्ती के लिए वजन नियंत्रण बेहद जरूरी है। केवल दिखावे के लिए काम करने का कोई औचित्य नहीं। मन में आकर्षक दिखने की चाह विकसित करें।  अच्छी सोच हमेशा सुखद परिणाम देती है।

11. जीवन का सबसे सुखद क्षण यही है। अच्छी सेहत के लिए खुश रहना व संतुष्टि पाना जरूरी है। यदि ज्यादा खाना आपकी जिंदगी बन गई है तो आप प्राकृतिक खुशियां पाने से अपने को दूर रख रही हैं। अपने मन को राजी कीजिए अपनी शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार। जबरदस्ती मन को मारने से भी लाभ नहीं।

12. जिस दिन जिम नहीं जाती उस दिन अपराधबोध महसूस करती हूं। अपने प्रति ईमानदारी बरतिए, गलती ढूंढने की कोशिश कीजिए कहां है। अपनी इच्छा को जानिए व समझिए। जिस काम को आप बिना इच्छा के जबरदस्ती कर रही हैं उसके परिणाम सुखद नहीं होंगे। जिस दिन जिम नहीं जातीं फिटनेस ट्रेनर का कहना है कि आप घर पर ही हल्की-फुल्की एक्सरसाइज कर सकती हैं। एक दिन का नागा सारी मेहनत को व्यर्थ नहीं करता यह केवल आपका वहम है।

13. वजन कम करना कठिन काम है और मैं सक्षम नहीं हूं। वजन कम करना यह बताता है कि आप कितनी अनुशासनप्रिय हैं और कितनी लगनशील हैं। इन दोनों के बिना वजन कम करना कठिन है। यदि आप अपना मोटापा घटाना चाहती हैं तो एकदम से परिणाम की उम्मीद मत रखिए। हर काम में समय लगता है। धैर्य मत खोइए।

14. मैं इतना कम खाती हूं पर फिर भी मेरा वजन कम नहीं होता। यह केवल बहाना है, आप वास्तव में सजग होकर डाइटिंग नहीं कर रहीं इसीलिए आपका वजन कम नहीं हो रहा। हर चीज जो आप खा रही हैं उसका हिसाब नोट करें तभी आपको वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। आप अपना नया डाइट चार्ट बनाएं जिसमें कुछ स्वादिष्ट व पौष्टिक खानों का समावेश हो। अपने को समझाएं जो डाइट आप ले रही हैं उससे पूर्णतया संतुष्ट हैं। अपने दिमाग को सही संदेश भेजें ताकि शरीर उसी के अनुसार काम करे।

15. मुझे अपने दोस्तों के साथ खाना-पीना पसंद है, जब भी मैं वीकएंड में उनसे मिलती हूं। यदि मैं ये सब छोड़ दूं तो मेरी सोशल लाइफ खत्म हो जाएगी। खाना आपको सोशल नहीं बना रहा बल्कि आपका स्वभाव ऐसा कर रहा है। ऐसा सोचना गलत है। यदि आप अपने मित्रों को भी हेल्दी डाइट के स्वादों से परिचित कराएंगी तो वे भी खुश होंगे। आजकल तरह-तरह के डाइट सप्लीमेंट अलग-अलग स्वादों व निराले अंदाज में उपलब्ध हैं। आज अपनी हेल्थ को लेकर कांशस रहने वालों की कमी नहीं है। यदि आप अपनी स्थिति से अपने दोस्तों को अवगत कराएंगी तो कोई वजह नहीं कि वे उसे समझ न सकें।

16. मैं शुरू से ही मोटी हूं तो अब बदल कैसे सकती हूं? यदि आप मोटी होने पर भी अपने को फिट, खुश और ऊर्जावान महसूस करती हैं तो अच्छी बात है। तब कोई वजह नहीं है आपको डाइटिंग करने की। यदि आप अपनी स्थिति से खुश नहीं हैं तो अपने आप से पूछिए कि आप क्या चाहती हैं? मोटापा आपकी राह में बाधक न बने यह ध्यान तो आपको ही रखना होगा। वजन यदि नियंत्रित हो तो आप खुद को फिट महसूस करेंगी और यही भावना आपके व्यक्तित्व को बेहतर बनाएगी।

17. मुझे स्कूल के दिनों से ही पीटी से परहेज था, अब मुझे खेलों और व्यायाम दोनों से चिढ़ है। यह बेहद आम वाक्य है जो आए दिन सुनने को मिल जाता है। यह पलायनवादी दृष्टिकोण है और कुछ नहीं। ऐसे बहुत से खेल व एक्सरसाइज हैं जिन्हें करने में आपको मजा आएगा। स्वीमिंग, साइकलिंग व बच्चों के साथ खेलना सबसे मजेदार एक्सरसाइज है। घूमने की आदत डाल लें, गपशप भी होगी और वॉकिंग भी। इसी प्रकार के कई मजेदार खेल व व्यायाम आपको मिल जाएंगे जिनसे शरीर चुस्त-दुरुस्त तो रहेगा ही आकर्षक भी लगेगा।

18. यह तो हद हो गई कि एक बिस्किट खाने से मेरी डाइट गड़बड़ हो जाती है जबकि मैं पहले पूरा पैकेट खा जाती थी और कुछ नहीं होता था। ऐसा नहीं है। सवाल बिस्किट का नहीं कैलोरीज का है। आप कितनी कैलोरीज ले रही हैं उस पर आपकी डाइट निर्भर करती है। अपने को बताइए कि एक बिस्किट खाने से कुछ नहीं होता हां, पूरा पैकेट खाने पर जरूर असर होगा, साथ ही बिस्किट में सामग्री क्या व कितनी है इस पर भी कैलोरी निर्भर करती है। वसायुक्त भोजन व हाई कैलोरी युक्त भोजन से आपको बचना पड़ेगा। अपनी कैलोरी का हिसाब आपको रखना होगा।

19. थकान को दूर करता है खाना, दिन भर काम करने के लिए हमें ज्यादा एनर्जी की आवश्यकता होती है और इसके लिए खाना जरूरी होता है। शारीरिक रूप से आपने अपने शरीर को रिलैक्स करने की आदत खाना खाने से जोड़ दी है। यदि आप घर लौट कर आधे घंटे चैन से बैठें या सुस्ताएं तो वह रिलैक्स होने का बेहतर तरीका होगा। आंख बंद कर शांति से लेटें या बैठें, मधुर संगीत सुनें, गहरी सांस लें। इससे आप तनाव रहित होकर ज्यादा एनर्जी प्राप्त कर पाएंगी व ओवरईटिंग से भी बचेंगी।

20. मैं अपना लक्ष्य कैसे प्राप्त कर सकती हूं कि वजन सही तौर पर कम हो जाए। जब आपको महसूस होने लगे कि आप का वजन कम हो गया है, आप सुंदर व आकर्षक दिखने लगी हैं तो इसे पूरा सच न मान लें। प्लानिंग करने में सप्ताह से दो सप्ताह लग जाते हैं तो लक्ष्य पाने में और ज्यादा समय। होता यह है कि कार्य आरंभ करते ही परिणाम पाने की अधीरता होने लगती है। धैर्य रखिए और

आठ नियम बनाइए, उन पर अमल करने की कोशिश कीजिए। 
  1. अपने लक्ष्य की सूची बनाइए व लिखिए। 
  2. यह समझने की कोशिश कीजिए कि आप अपने से क्या और कैसे चाहती हैं। 
  3. अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए जो कारगर उपाय हैं उनकी भी सूची बनाइए। 
  4. कुछ सामान्य नकारात्मक चीजों को अपने से दूर कर दीजिए ताकि आपकी राह आसान हो सके जैसे यह कहना कि डाइट बहुत अधिक सहायक नहीं होती वजन नियंत्रण में। 
  5. प्राथमिकताएं तय कीजिए और उन्हें समय सीमा में बांधिए। 
  6. अपने से पूछिए कि लक्ष्य पाने के बाद आप अपने को क्या ईनाम देंगी। 
  7. अपने दिमाग में एक पिक्चर तैयार कीजिए कि जब आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेंगी तो कैसा महसूस करेंगी। 
  8. एक समय में एक ही लक्ष्य रखिए, होता यह है कि एकसाथ कई काम लेकर चलने से ही सफलता दूर हो जाती है।  
21. मेरे पास एक्सरसाइज के लिए समय नहीं है। यह एक आम बहाना है। सप्ताह भर की डायरी लिखिए। उसमें सारे विवरण होने चाहिए जो भी आपने किया। बिस्तर से पैर नीचे रखने से लेकर रात में सोने तक की सभी बातें। सारे विवरण सामने होने पर ही आप देख पाएंगी कि समय कहां बच सकता है। दोपहर के खाने के बाद एक जगह टिक कर बैठने के स्थान पर टहलते हुए चाय पीने जाइए। यदि आप बच्चों को छोड़ने स्कूल जा रही हैं तो जिम होते हुए आइए। अपने आप से वादा कीजिए कि आप सच में अपने लक्ष्य को पाना चाहती हैं तभी परिणाम बेहतर होंगे। अपने परिवार व परिचितों से सहयोग व सलाह लेती रहिए।

22. मेरे पति कहते हैं कि मेरी फिगर एकदम सही है। उन्हें ठीक बदन की स्ति्रयां पसंद हैं। वह ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि आप यह सुनना चाहती हैं। ध्यान दें आप क्या चाहती हैं। केवल दूसरों की खुशी के लिए नहीं अपने लिए भी जीना सीखिए। अपने वजन के बारे में निर्णय करने का अधिकार केवल आपका ही है। यह भी हो सकता है कि आपके परिवार वाले आपके डाइटिंग करने पर उस खाने से वंचित हो जाएं जो अभी उन्हें मिल रहा है। इसलिए वे इस परिवर्तन के लिए तैयार नहीं। पति राजी नहीं हैं तो भी अपनी सेहत की चिंता स्वयं करें और अकेले जुट जाएं।

23. मेरे परिवार में सब मोटे हैं इसलिए मैं जितनी भी कोशिश करूं वजन कम नहीं होता। मेरी जीन्स ही गड़बड़ हैं। बहुत सी स्ति्रयां ऐसा मानती हैं कि उनके मोटे होने की जिम्मेदार उनकी जीन्स हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके परिवार का खान-पान ही असंतुलित हो। क्या कभी आपने इस तरफ ध्यान देने की कोशिश की है? जंक फूड से दूर रहिए। खाने में हेल्दी चीजों का समावेश कीजिए। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज के साथ सही खाना खाइए।

24. मध्य आयु की स्ति्रयों के लिए इस उम्र में वजन नियंत्रण कठिन होता है इसलिए क्या औचित्य है डाइटिंग का? याद रखें कि हर आयु में सही खाना जरूरी होता है। यह हो सकता है कि इस आयु में वजन बढ़ने की संभावना हो पर अपनी सेहत के लिए सजग रहने में कोई बुराई नहीं है। सकारात्मक सोच से आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ऐसी चीजें व खास मौकों की लिस्ट बनाइए जो आपको खुशी देने वाले हों। उन अवसरों के बारे में प्लानिंग करने व सोचने से आप अच्छा अनुभव करेंगी। आयु स्वस्थता की राह में बाधक नहीं।

25. मेरी जिंदगी इतनी व्यस्त है कि मुझे मेरे पास समय ही नहीं है अपने बारे में सोचने के लिए। यह केवल बहाना है। याद रखें कि आप अपने परिवार की धुरी हैं, आपको यदि परिवार का ध्यान रखना है तो सबसे पहले अपने को चुस्त व प्रसन्न रखना होगा। घर में ही छोटी-छोटी चीजों पर यदि ध्यान दें तो आपको फायदा होगा। लिफ्ट की जगह सीढ़ी का इस्तेमाल करें, शॉपिंग करते समय हेल्दी फूड खरीदें, तेजी से उठें-बैठें, फ्रिज में ताजे व पौष्टिक खाद्य पदार्थ रखें। जब कुछ खाने का मन हो तो कच्ची सब्जियां, खीरा, टमाटर, गाजर आदि खाएं।

26. जब भी डाइटिंग करती हूं मेरे दोस्त मुझे अच्छा खाने के लिए लुभाते हैं। अब आपके पास दो तरीके हैं या तो आप अपना पक्ष अपने दोस्तों के सामने स्पष्ट रूप से रख दीजिए। यह समझाने की कोशिश कीजिए कि आप अपनी डाइट को लेकर गंभीर हैं या दूसरा तरीका है आप अपने ऐसे मित्रों से दूरी बनाइए या ऐसी स्थिति के सामने आने से बचिए। अपने मन को पक्का कीजिए तभी इस दिशा में कारगर कदम उठा पाएंगी। लालच को दूर रखिए।

27. मैं जब भी डाइटिंग करती हूं पूरी निष्ठा से करती हूं पर जल्दी ही सब छूट जाता है। एक काम कीजिए सोचिए कि आपका वजन निरंतर बढ़ रहा है। भले ही यह किलो की दृष्टि से बहुत ज्यादा न हो। अब सोचिए कि अगले पांच सालों में यह कितना हो जाएगा और आप दिखने में कैसी लगेंगी। फिर इस पर काम आरंभ कर दीजिए। जितनी खतरे की जगहें हैं जैसे फ्रिज, अलमारी, कार व मेज सभी जगह एक नोट बना कर चिपका दीजिए कि आपको अपने पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।

28. मैं जब भी तनाव या गुस्से में होती हूं तो आइसक्रीम या हॉट ड्रिंक (चाय, कॉफी) मुझे अच्छे लगते हैं पर इनसे मोटापा बढ़ता है। यह आपकी समस्या नहीं है बल्कि आपके जैसे अनेक लोगों की समस्या  है। तनाव में अकसर भूख ज्यादा लगती है। अपने को समझाइए और खोजिए उन कारणों को जो तनाव व गुस्से को बढ़ाते हैं और उन्हें दूर करने की कोशिश कीजिए। इसे अपने अनुसार ढालना आपके ही हाथ में है।

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